Health Tips : कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए ले रहे गोलियाँ तो अभी से हो जाये सावधान
शरीर में हड्डियों को मजबूत बनाने के लिए कैल्शियम को काफी आवश्यक माना जाता है हमारे शरीर की हड्डी और दांत का 90% हिस्सा कैल्शियम से ही बनता है इसके अलावा कैल्शियम कैल्शियम मसल्स के मूवमेंट और हार्ट के फंक्शन में भी मदद करता है।
इसके अलावा कैल्शियम दिमाग और शरीर के अन्य हिस्सों के बीच हेल्दी संपर्क के लिए भी जरूरी है इतने सारे गुण होने की वजह से कैल्शियम हमारे शरीर के लिए काफी फायदेमंद है आजकल लोग कैलशियम सप्लीमेंट लेने पर जोर दे रहे हैं लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार कैलशियम सप्लीमेंट की जरूरत नहीं है जितना लोग लेते हैं।
एक हेल्थ साइट के अनुसार कैल्शियम सप्लीमेंट लेते हुए कुछ सावधानियां बरतनी जरूरी है नहीं तो इनका उल्टा असर भी हो सकता है आज हम आपको बताते हैं कि कैलशियम सप्लीमेंट लेते समय कौन सी बातों का ध्यान रखना चाहिए कैल्शियम की कमी होने पर ही कैल्शियम सप्लीमेंट लें।
कैल्शियम की कमी के लक्षण यह हैं: मांसपेशियों में ऐंठन ,हाथ पैर या चेहरे पर कभी-कभी सुन्नपन या झुनझुनी होना, मसल्स क्रैंप होना ,नाखून का कमजोर होना या निकल जाना या आसानी से हड्डी फैक्चर हो जाना यह सब लक्षण कैल्शियम की कमी के लक्षण है अगर आपको यह लक्षण दिख रहे हैं तो भी यह तय नहीं होता है कि लोगों को वास्तव में कैल्शियम की कमी है।
इसके लिए कैल्शियम की जांच जरूरी है एक सामान्य व्यक्ति मेंडेसीलीटर खून में 8.5 से 10.5 कैल्शियम की मात्रा होना जरूरी है दूसरी जांच आयोनाइज्ड कैल्शियम की एक स्वस्थ वयस्क में प्रति डेसीलीटर खून में 4.65 से 5.2 मिलीग्राम कैल्शियम की मात्रा होनी चाहिए खून में कैल्शियम की मात्रा कम है तो भी डॉक्टर की सलाह से ही कैल्शियम की गोली ले ।
शरीर में कैल्शियम की पूरा करने के लिएसप्लीमेंट की जगह कैल्शियम युक्त फूड्स का सेवन करना ज्यादा बेहतर है दरअसल सप्लीमेंट से दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है हाल ही में जर्मन कैंसर रिसर्च सेंटर के शोधकर्ताओं ने एक दशक से भी ज्यादा समय तक लोगों का 23980 लोगों का अध्ययन किया था इस अध्ययन के दौरान पाया गया कि कैल्शियम के लिए दवा लेने वाले लोगों में दिल का दौरा पड़ने के आसार 86 फ़ीसदी तक बढ़ जाते हैं।