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शहीद-ए-आजम भगत सिंह को बचपन से ही था भारत को आजाद करवाने का जूनून

 

भारतीय इतिहास के पन्नों में अमर रहे शहीद भगत सिंह का जन्म आज ही के दिन 27 सितंबर 1907 को हुआ था। भगत सिंह ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन में बड़ा योगदान दिया था। लेकिन फिर भी शहीद भगत सिंह के जीवित रहते भारत स्वतंत्र नहीं हो सका। भगत सिंह का परिवार सिख समुदाय से ताल्लुक रखता था और देशभक्ति से ओतप्रोत था।

हालांकि, भगत सिंह का परिवार कभी नहीं चाहता था कि भगत सिंह इस तरह देश के लिए अपनी जान जोखिम में डालें। दिल में आजादी की लौ जलाने वाले शहीद भगत सिंह ने अपने स्कूल के दिनों से ही आजाद भारत का सपना देखना शुरू कर दिया था और अंग्रेजों से लड़ना सीख लिया था। बिना परिवार की इजाजत के घर से भागना, दोस्तों के साथ वक्त बिताना और देश के लिए मरना ये सब हमें आज भी याद दिलाते हैं। देश की आजादी के लिए भगत सिंह का प्यार, या यूं कहें कि पागलपन ऐसा था कि वह इस देश से अंग्रेजों और अंग्रेजी शासन को उखाड़ फेंकने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे थे।



भगत सिंह को कभी भी अंग्रेजों के सामने झुकना पसंद नहीं था। उसके बाद भी वह असहयोग आंदोलन में महात्मा गांधी के साथ खड़े रहे। लेकिन गांधीजी की नीतियों ने उन्हें जाने के लिए मजबूर कर दिया और फिर भगत सिंह ने गांधीजी का समर्थन नहीं किया और दूसरी पार्टी का समर्थन करना शुरू कर दिया। भगत सिंह ने अपने दोस्तों के बिना कुछ नहीं किया, अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी गई लगभग सभी लड़ाइयों में, भगत सिंह के साथ-साथ सुखदेव, राजगुरु जैसे अन्य क्रांतिकारियों के साथ-साथ अंग्रेजी शासन के खिलाफ लड़ाई में भी शामिल रहे हैं।