इंटरनेट डेस्क : भगवान की पूजा अर्चना के बाद अक्सर पूजा के बाद प्रसाद के रुप में भक्तों को पंचामृत जैसी चीजों को बांटा जाता है जिसका सेवन वह करते है शास्त्रों के अनुसार पंचामृत का अर्थ पांच अमृत यानी पांच पवित्र वस्तुओं से बना हुआ भोग। जैसा की आपको पता है की पंचामृत को दुग्ध, दही, घृत (घी), चीनी और मधु जैसी चीजों को मिलाकर तैयार किया जाता है यह एक पेय पदार्थ होता है जिसे प्रसाद के रुप में ग्रहण करना अति उत्तम होता है तो अक्सर भगवान का अभिषेक भी पंचामृत से किया जाता है ।
आइए जाने इस पंचामृत के विशेष महत्व के बारे में जिसके बारे में शायद आपको पता ना हो..
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पंचामृत को पीने से व्यक्ति के भीतर सकारात्मक भाव पैदा होते हैं, वह आपकी सेहत भी दुरुस्त बनी रहती है श्रृद्धापूर्वक पंचामृत का पान करने से व्यक्ति का सुखमय बना रहता है और उसके जीवन में सुख समृध्दि भी आती है
पंचामृत को ग्रहण करने से मनुष्य जन्म और मरण के बन्धन से मुक्त हो जाता है और उसे आसानी से मोक्ष की प्राप्ति होती है ।
आइए जाने जाने पंचामृत में मिलाई जानें वाली इन विशेष चीजों के धार्मिक महत्व के बारें में...
दूध पंचामृत मिलाया जाता है यह पंचामृत का पहला भाग है। यह शुभता का प्रतीक है यानी हमारा जीवन दूध की तरह निष्कलंक होना चाहिए। इसलिए इसे मिलाया जाता है।
दही इसका दूसरा गुण है कि यह दूसरों को अपने जैसा बनाता है दही मिलाने का अर्थ यही है कि पहले हम निष्कलंक हो सद्गुण अपनाएं और दूसरों को भी अपने जैसा बनाएं जिसे पचांमृत में मिलाना अत्यन्त लाभकारी होता है।
घी यह स्निग्धता और स्नेह यानी प्रेम का प्रतीक है। यह हमारे जीवन में प्रेमपूर्ण संबध को बयां करता है।
शहद शक्ति प्रदान करता है तन और मन से आप शक्तिशाली बने रहे और आपको अपने हर काम में सफलता मिलें इसलिए इसे भी पंचामृत में मिलाया जाता है।
तो वही पांचवी चीज है चीनी , चीनी को मिलाने से आपके जीवन में मिठास बनी रहती है इसलिए पंचामृत में इसे मिलाया बिना इसका स्वाद अधूरा सा लगता है।
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